Stop Cancer Mission

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Cancer Awareness is Play very important Role In Cancer Concern.

भारत में कैंसर से होने वाली मौतों के आंकड़ें चिंताजनक हैं। आर्थिक बदलाव, जीवनशैली में बदलाव और बढ़ता मोटापा कैंसर के खतरे को बढ़ा रहा है। इसमें मौजूदा जोखिम कारक जैसे तम्बाकू और इनडोर व आउटडोर वायु प्रदूषण भी शामिल हैं। वर्ष 2020 में भारत समेत दक्षिण पूर्व एशिया में 22.52 लाख लोग कैंसर ग्रस्त पाए गए। वहीं, इसकी वजह से 14.44 लाख लोगों की मौत हुई। दक्षिण एशिया में  कैंसर से मौतों का यह आंकड़ा साल-दर-साल बढ़ता जा रहा है, जो काफी चिंताजनक है। भारत में हर साल 13 लाख से ज्‍यादा लोग अपनी जान कैंसर के हाथों गंवाते हैं। कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसके कारण मृत्यु दर घटाने के उद्देश्य से हर साल 7 नवंबर के दिन राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाता है। इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें और जानें राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस (National Cancer Awareness Day in Hindi) से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी। 

  1. राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस के बारे में 
  2. राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस महत्व और उद्देश्य 
  3. राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस का इतिहास
  4. राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस आयोजन 
  5. भारत में कैंसर से जुड़े आंकड़ें 
दिवस का नाम राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस
तारीख़ 7 नवंबर 
स्थापना 2014 
उद्देश्य कैंसर बीमारी के प्रति जागरूकता 

राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस के बारे में 

भारत में 7 नवंबर के दिन राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाता है। यह दिन महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह लोगों को कैंसर के गंभीर खतरे के बारे में शिक्षित करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, कैंसर दूसरी सबसे घातक बीमारी है जो लोगों में मौत का कारण बनती है। ब्रेस्ट कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर सबसे अधिक फैलने वाले कैंसर में से एक हैं। कैंसर के दो तिहाई मामलों में इसका कारण तंबाकू, शराब और खराब लाइफस्टाइल और खानपान है। इस दो तिहाई में भी 40 प्रतिशत तंबाकू एवं शराब के कारण होते हैं। 

राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस महत्व और उद्देश्य 

कैंसर एक जटिल और घातक बीमारी है जो दुनिया भर में लाखों लोगों की जान लेती है। भारत में, कैंसर मृत्यु का दूसरा सबसे आम कारण है। राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस का उद्देश्य कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को इस बीमारी के बारे में अधिक जानने के लिए प्रोत्साहित करना है।

राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस का महत्व निम्नलिखित है:

कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाना: राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस लोगों को कैंसर के बारे में शिक्षित करने का एक अवसर प्रदान करता है। यह उन्हें कैंसर के कारणों, लक्षणों, निदान और उपचार के बारे में जानने में मदद करता है।

कैंसर के जोखिम कारकों को कम करना: यह दिवस लोगों को कैंसर के जोखिम कारकों को कम करने के तरीकों के बारे में शिक्षित करने का एक अवसर प्रदान करता है। यह उन्हें स्वस्थ जीवन शैली जीने, तंबाकू छोड़ने और नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच करवाने के महत्व के बारे में जागरूक करता है।

कैंसर के उपचार के बारे में जागरूकता बढ़ाना: यह दिवस लोगों को कैंसर के उपचार के बारे में शिक्षित करने का एक अवसर प्रदान करता है। यह उन्हें उपलब्ध विभिन्न उपचार विकल्पों के बारे में जानने में मदद करता है।

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राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस का इतिहास

राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस आयोजन 

राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस एक महत्वपूर्ण दिवस है जो कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद करता है। यह लोगों को इस बीमारी के बारे में अधिक जानने और इसके जोखिम को कम करने के तरीकों को खोजने के लिए प्रोत्साहित करता है। राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस को मनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम और गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं। इनमें शामिल हैं:

शिक्षा कार्यक्रम: इस दिन, लोगों को कैंसर के बारे में शिक्षित करने के लिए शिक्षा कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में व्याख्यान, पैनल चर्चा और फिल्म शो शामिल हो सकते हैं।

जागरूकता अभियान: इस दिन, लोगों को कैंसर के बारे में जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं। इन अभियानों में कैंसर के बारे में जानकारी वाले पोस्टर, बैनर और अन्य सामग्री का उपयोग किया जाता है।

अनुसंधान के लिए धन जुटाना: इस दिन, कैंसर अनुसंधान के लिए धन जुटाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में दान, नीलामी और अन्य गतिविधियाँ शामिल हो सकती हैं।

भारत में कैंसर से जुड़े आंकड़ें 

भारत में कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही हैं। यहाँ कुछ आंकड़ें बताए जा रहे हैं –

  • देश का दूसरा सबसे कम आबादी वाला राज्य होने के बावजूद, मिज़ोरम में भारत में कैंसर की घटना दर सबसे अधिक है। 
  •  इंटरनेशनल मेडिकल जर्नल ‘लैन्सेट’ में भारत के बारे में एक स्टडी के अनुसार कैंसर से होने वाली 67 फीसदी महिलाओं की मौत को रोका जा सकता है।
  • स्क्रीनिंग के अलावा यदि समय रहते इलाज हो जाए तो 37% महिलाओं को कैंसर जैसी बीमारी से मरने से बचाया जा सकता है।
  • नेशनल फैमली हेल्थ सर्वे 2019-21 के मुताबिक भारत में 30 से 49 आयु वर्ष की सिर्फ 0.9 फीसदी महिलाएं ऐसी हैं, जो जीवन में कभी भी ब्रेस्ट कैंसर स्क्रीनिंग की प्रक्रिया से गुजरी हैं। 
  • सर्वाइकल कैंसर के लिए यह आंकड़ा 1.9 फीसदी है।
  • भारत में महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के सबसे ज्यादा मामले आते हैं। 
  • भारत में कैंसर के चलते महिलाओं की मौत के बढ़ते मामलों की एक बड़ी वजह लैंगिक असमानता भी है। 
  • भारत में 2020 में कैंसर से 7.70 लाख मौत हुईं।

गलत जीवनशैली, मोटापा और प्रदूषण के चलते आज देश में कैंसर रोगियों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. युवा भी इस बीमारी की गिरफ्त से दूर नहीं है. आंकड़ों के मुताबिक देशभर में 20 से 35 की उम्र के युवाओं में कैंसर के केसेज तेजी से बढ़ते जा रहे है. वहीं ऑन्कोलॉजिस्ट के मुताबिक युवाओं में कैंसर का प्रमुख कारण खराब जीवनशैली के साथ- साथ जेनेटिक भी है. इसके अलावा व्यायाम ना करना, जंक फूड का अधिक सेवन, ध्रूम्रपान, शराब का सेवन जैसी आदतें अपनी जीवन शैली में शामिल करने की वजह से भी युवाओं में कैंसर के मामले अधिक देखे जा रहे हैं.

युवाओं में मुंह व गले का कैंसर, लंग कैंसर, बड़ी आंत का कैंसर, पुरुषों में प्रोस्टेट और महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कैंसर विशेषज्ञ सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट ने बताया कि आमतौर पर इस प्रकार के कैंसर 40 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों में देखे जाते थे, लेकिन पिछले कुछ सालों से 20 से 35 वर्ष के युवाओं में इन कैंसर के केसेज सामने आ रहे है. वहीं नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम की हालिया रिपोर्ट ने देशभर में कैंसर के आंकडों में वृद्वि बताई गई है.

2025 तक कैंसर रोगियों की संख्या 15.7 लाख होने की संभावना
नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम की रिपोर्ट में सामने आया कि 2020 में कैंसर के 13.9 लाख मामले थे. ऐसे में 2025 में यह आंकड़े बढ़कर 15.7 लाख तक पहुंचने की संभावना है. वहीं कैंसर विशेषज्ञ का कहना है कि फेंफडे, पांचन तंत्र सहित कई तरह के कैंसर का प्रमुख कारण तंबाकू, बीड़ी तथा सिगरेट- गुटखा है. कैंसर से बचने के लिए उसके शुरुआती लक्षणों को बगैर नजरअंदाज किए चिकित्सक को समय पर दिखाना जरूरी है.

Pravin Naidu
Author: Pravin Naidu

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