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कसरत और कैंसर – शारीरिक गतिविधि के लाभ

कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से निपटना जीवन की सबसे चुनौतीपूर्ण स्थितियों में से एक हो सकता है। परंतु, विज्ञान ने यह प्रमाणित किया है कि कैंसर के जोखिम को कम करने और उसके उपचार में शारीरिक गतिविधि का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। कसरत न केवल शरीर को मजबूत बनाती है, बल्कि कैंसर से लड़ने की क्षमता को भी बढ़ाती है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि कैसे नियमित शारीरिक गतिविधि कैंसर से बचाव और उसके उपचार में मददगार हो सकती है।

1. कैंसर के जोखिम को कम करना

शोध से यह स्पष्ट हुआ है कि नियमित कसरत करने से कई प्रकार के कैंसर के विकास का जोखिम कम हो जाता है। उदाहरण के लिए, स्तन कैंसर, कोलन कैंसर, फेफड़े का कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर के मामलों में शारीरिक रूप से सक्रिय लोगों में इन रोगों का खतरा कम होता है। कसरत शरीर के हार्मोन स्तर, जैसे एस्ट्रोजन और इंसुलिन, को नियंत्रित करने में मदद करती है, जो कैंसर के विकास से जुड़े होते हैं। इसके अलावा, शारीरिक गतिविधि इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करती है, जो शरीर को कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में सक्षम बनाती है।

2. कैंसर के उपचार में मददगार

कैंसर का इलाज, जैसे कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी, शरीर को कमजोर कर सकते हैं और थकान, दर्द, और मानसिक तनाव जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं। ऐसे में कसरत एक प्राकृतिक उपाय के रूप में कार्य कर सकती है। नियमित शारीरिक गतिविधि से थकान कम होती है, मांसपेशियों की शक्ति बढ़ती है, और शरीर को जल्दी रिकवर करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, कसरत मानसिक तनाव को कम करने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में भी सहायक होती है, जो कि कैंसर रोगियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

3. मानसिक स्वास्थ्य में सुधार

कैंसर के निदान और उपचार के दौरान मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है। कई मरीजों को अवसाद और चिंता का सामना करना पड़ता है। ऐसे में कसरत एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। शारीरिक गतिविधि से शरीर में “एंडोर्फिन” नामक हार्मोन का स्राव होता है, जिसे “फील-गुड” हार्मोन कहा जाता है। इससे मनोबल बढ़ता है, मूड बेहतर होता है, और रोगियों को सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने में मदद मिलती है।

4. कैंसर से बचने की संभावना बढ़ाना

कैंसर के उपचार के बाद भी कसरत की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। नियमित शारीरिक गतिविधि न केवल कैंसर से बचाव करती है, बल्कि इससे पुनः कैंसर होने की संभावना को भी कम किया जा सकता है। शोध से पता चलता है कि जो लोग कैंसर के इलाज के बाद भी शारीरिक रूप से सक्रिय रहते हैं, उनमें पुनः कैंसर होने की दर काफी कम होती है। इसलिए, कैंसर से उबरने के बाद भी फिटनेस को जीवनशैली का हिस्सा बनाना आवश्यक है।

5. वजन को नियंत्रित रखना

अत्यधिक वजन और मोटापा कैंसर के कई प्रकारों के जोखिम को बढ़ाते हैं। शारीरिक गतिविधि से वजन को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है, जिससे कैंसर का जोखिम कम होता है। जब हम नियमित रूप से कसरत करते हैं, तो हमारे शरीर में कैलोरी बर्न होती है, जो हमें स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद करती है। इसके अलावा, स्वस्थ आहार और व्यायाम का संयोजन शरीर को मजबूत और लचीला बनाए रखता है, जो कैंसर से लड़ने में मददगार साबित होता है।

निष्कर्ष :

कैंसर से लड़ाई में शारीरिक गतिविधि एक महत्वपूर्ण हथियार है। यह न केवल शरीर को स्वस्थ और मजबूत बनाती है, बल्कि कैंसर के जोखिम को कम करने और उसके इलाज में भी मदद करती है। चाहे कैंसर से बचाव के लिए हो, या इलाज के दौरान और बाद में, कसरत को अपनी दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाना बेहद फायदेमंद हो सकता है। इसलिए, शारीरिक गतिविधि को नजरअंदाज न करें और इसे अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाएं। एक स्वस्थ और सक्रिय जीवनशैली न केवल आपको कैंसर से दूर रखेगी, बल्कि अन्य बीमारियों से भी बचाव करेगी।

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